चलो, चलें मिलके चलें
एक बार फिर से चलें
पूर्वोत्तर भारत का सैर करें
अपने देश को जाने
पूर्वोत्तर को पहचाने
हिंदी का अलख जगाने
नागरी का परचम लहराने
भाषाई राग-द्वेष को मिटाने
राष्ट्रभाषा हिंदी को फैलाने
लेखक मिलन शिविर के बहाने।।
नागरी लिपि, हिंदी और सभी भाषाओं
के विकास का नारा लगाने
आओ मिलकर चले
इस शिविर के बहाने।।।
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